Holistic diatri fiber is GOOD FOR HEALTH !

Holistic diatri fiber

Holistic diatri fiber is GOOD FOR HEALTH !

               रेशा या fiber हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से पाचन तंत्र की सही क्रियाशीलता के लिए आवाश्यक तत्व है। डायट्री फाइबर, शाकाहारी खाद्य पदार्थो में मिलने वाले ऐसे कार्बोहाइड्रेट है । जिनमे से कुछ को हम पचा नहीं पाते है ,हमारे खानो में उपस्थित डायट्री fiber को हमारा शरीर पाचन व अवशोषण तो नहीं कर सकता ,परन्तु यह कई महत्त्वपूर्ण शारीरिक कार्य करता है । 

              protein और carbohydrate जैसे पोषक तत्वों के पाचन के बाद आहार से मिले fiber को शरीर द्वारा ऐक अपशिष्ट की तरह बाहर निकल दिया जाता है। fiber को संतूलित मात्रा  में लेते रहने  हमारा शरीर में diabetic समस्या heart समस्या एवम पेट से संबंधित stomach diseases को आने से रोकने का कार्य कर सेहत को तंदुरुस्त बनाए रखने मेंयोगदान देता है। 

kinds of fiber

2 Kinds of fiber

                     fiber  रेशा दो प्रकार का होता है: घुलनशील (soluble) और अघुलनशील (insoluble)।

       घुलनशील रेशा: यह पानी में घुलकर जेल जैसी संरचना बनाता है। यह पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी सहायक होता है। घुलनशील रेशा जई, जौ, फल (जैसे सेब, संतरा), और बीन्स में पाया जाता है।

      अघुलनशील रेशा: यह पानी में नहीं घुलता और पाचन तंत्र से लगभग अपरिवर्तित होकर गुजरता है। यह मल को भारी बनाता है और उसे आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती। अघुलनशील Fiber साबुत अनाज, गेहूं की भूसी, सब्जियाँ (जैसे गाजर, खीरा) में पाया जाता है।

            रेशा (fiber ) हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से लाभकारी है:

  1. पाचन स्वास्थ्य में सुधार:-  रेशा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कब्ज, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और डायवर्टीकुलोसिस जैसी स्थितियों के जोखिम को कम करता है।
  2. वजन नियंत्रण: – रेशा युक्त खाद्य पदार्थ अधिक समय तक पेट भरा रखने में मदद करते हैं, जिससे अनियंत्रित खाने की संभावना कम होती है और वजन नियंत्रण में सहायता मिलती है।
  3. रक्त शर्करा नियंत्रण:-  घुलनशील रेशा खाने से रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि नहीं होती और मधुमेह के रोगियों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद है।
  4. कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करना:-  घुलनशील रेशा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा घटता है।
  5. लंबी उम्र:–  अध्ययन बताते हैं कि जो लोग अधिक रेशा युक्त आहार लेते हैं, उनमें हृदय रोग, स्ट्रोक, और कुछ प्रकार के कैंसर का जोखिम कम होता है, जिससे उनकी जीवन प्रत्याशा बढ़ती है।

         फाइबर का पर्याप्त मात्रा में सेवन सुनिश्चित करने के लिए अपने आहार में ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और बीन्स शामिल करना चाहिए। विशेषज्ञों का सुझाव है कि एक वयस्क को प्रतिदिन कम से कम 25-30 ग्राम रेशा का सेवन करना चाहिए।

         इस प्रकार, रेशा हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है और इसका नियमित सेवन हमारे जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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Deficiency of fiber

Deficiencys of fibers

       रेशा की कमी का हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। रेशा आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसकी कमी से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यहां रेशा की कमी के कुछ प्रमुख प्रभाव दिए गए हैं:

  1. कब्ज: रेशा की कमी से पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाता, जिससे मल कठोर और सूखा हो जाता है। इससे कब्ज की समस्या होती है और मल त्यागने में कठिनाई होती है।
  1. इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS): रेशा की कमी से आंतों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे IBS जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इस स्थिति में पेट दर्द, दस्त और कब्ज का अनुभव हो सकता है।
  1. हृदय रोगों का जोखिम: आहार में पर्याप्त रेशा नहीं होने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। रेशा LDL (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
  1. मधुमेह का खतरा: रेशा की कमी से रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित नहीं रह पाता, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। रेशा युक्त आहार रक्त शर्करा को स्थिर रखने में मदद करता है।
  1. वजन बढ़ना: रेशा की कमी से पेट जल्दी खाली हो जाता है, जिससे भूख अधिक लगती है और अनियंत्रित खाने की संभावना बढ़ जाती है। यह वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
  1. आंत्र कैंसर का जोखिम: अध्ययन बताते हैं कि रेशा की कमी से बड़ी आंत के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। रेशा आंतों की सफाई में मदद करता है और कैंसरकारक पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है।
  1. विटामिन और खनिजों का कम अवशोषण: रेशा की कमी से आंतों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का अवशोषण सही ढंग से नहीं हो पाता, जिससे शरीर में विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है।

रेशा की कमी से बचने के उपाय:

  1. साबुत अनाज: अपने आहार में साबुत अनाज जैसे जई, जौ, ब्राउन राइस, और साबुत गेहूं को शामिल करें।
  2. फल और सब्जियाँ: ताजे फल और सब्जियाँ, विशेषकर छिलके सहित खाएँ। सेब, संतरा, गाजर, और ब्रोकोली जैसे खाद्य पदार्थ रेशा से भरपूर होते हैं।
  3. बीन्स और दालें: विभिन्न प्रकार की बीन्स, दालें और फलियाँ अपने आहार में शामिल करें।
  4. मेवे और बीज: बादाम, चिया बीज, और अलसी के बीज रेशा का अच्छा स्रोत हैं।

           रेशा की कमी को पहचानना और अपने आहार में उचित मात्रा में रेशा शामिल करना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इससे न केवल पाचन तंत्र की कार्यक्षमता में सुधार होता है बल्कि विभिन्न गंभीर बीमारियों का जोखिम भी कम होता है।

Excess of fiber

        रेशा (फाइबर) का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाए तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। अधिक रेशा का सेवन निम्नलिखित समस्याओं को जन्म दे सकता है:

  1. पेट फूलना और गैस: अधिक रेशा खाने से पेट में गैस बनने और फूलने की समस्या हो सकती है। यह विशेष रूप से घुलनशील रेशा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है।
  2. पेट दर्द और ऐंठन: अत्यधिक रेशा का सेवन पाचन तंत्र को तनाव में डाल सकता है, जिससे पेट में ऐंठन और दर्द हो सकता है।
  3. दस्त: बहुत अधिक रेशा का सेवन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और दस्त की समस्या पैदा कर सकता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
  4. पोषक तत्वों का अवशोषण कम होना: अधिक रेशा का सेवन कुछ विटामिन और खनिजों जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है, जिससे इन पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
  5. कब्ज: जबकि रेशा आमतौर पर कब्ज को रोकने में मदद करता है, लेकिन अत्यधिक रेशा का सेवन और पर्याप्त पानी न पीने से कब्ज की समस्या हो सकती है। यह इसलिए होता है क्योंकि रेशा पानी को अवशोषित करता है और बिना पर्याप्त पानी के, मल कठोर हो जाता है।
  6. आंत्र रुकावट: अत्यधिक रेशा खाने से कुछ मामलों में आंत्र रुकावट (intestinal blockage) हो सकती है, जो एक गंभीर स्थिति है और इसमें चिकित्सकीय ध्यान की आवश्यकता होती है।

अत्यधिक रेशा सेवन से बचने के उपाय:

  1. धीरे-धीरे रेशा की मात्रा बढ़ाएं: आहार में रेशा की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि पाचन तंत्र को समायोजित होने का समय मिल सके।
  2. पर्याप्त पानी पिएं: अधिक रेशा का सेवन करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। रेशा को पचाने और पाचन तंत्र में सही तरीके से काम करने के लिए पानी आवश्यक है।
  3. संतुलित आहार: केवल रेशा पर ध्यान केंद्रित न करें। अपने आहार में सभी प्रकार के पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखें।
  4. रेशा के विभिन्न स्रोत: विभिन्न प्रकार के रेशा वाले खाद्य पदार्थ खाएं जैसे कि फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और बीन्स। इससे एक ही प्रकार के रेशा का अत्यधिक सेवन नहीं होगा।
  5. परामर्श लें: अगर आपको रेशा सेवन के बारे में कोई संदेह है या स्वास्थ्य समस्याएँ हो रही हैं, तो डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लें।

         इस प्रकार, जबकि रेशा का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, इसका अत्यधिक सेवन भी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। संतुलित आहार और सही मात्रा में रेशा का सेवन ही स्वस्थ जीवन का आधार है।

        रेशा (फाइबर) का सेवन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अधिकता भी कई समस्याओं का कारण बन सकती है। यहां रेशा की अधिकता से होने वाली कुछ प्रमुख समस्याएं और उनसे बचने के उपाय दिए गए हैं:

रेशा की अधिकता के दुष्प्रभाव

  1. पेट फूलना और गैस: अधिक रेशा का सेवन पेट में गैस और फूलने की समस्या पैदा कर सकता है, खासकर अगर यह घुलनशील रेशा हो।
  2. पेट दर्द और ऐंठन: अत्यधिक रेशा पाचन तंत्र को तनाव में डाल सकता है, जिससे पेट में ऐंठन और दर्द हो सकता है।
  3. दस्त: अधिक रेशा का सेवन दस्त का कारण बन सकता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
  4. पोषक तत्वों का अवशोषण कम होना: अत्यधिक रेशा कुछ विटामिन और खनिजों (जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन) के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है, जिससे इन पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
  5. कब्ज: पर्याप्त पानी के बिना अधिक रेशा खाने से कब्ज हो सकता है, क्योंकि रेशा पानी को अवशोषित करता है और मल को कठोर बना देता है।
  6. आंत्र रुकावट: अत्यधिक रेशा सेवन कुछ मामलों में आंत्र रुकावट (intestinal blockage) का कारण बन सकता है, जो एक गंभीर स्थिति है और इसमें चिकित्सकीय ध्यान की आवश्यकता होती है।

अत्यधिक रेशा सेवन से बचने के उपाय

  1. धीरे-धीरे रेशा की मात्रा बढ़ाएं: आहार में रेशा की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि पाचन तंत्र को समायोजित होने का समय मिल सके।
  2. पर्याप्त पानी पिएं: अधिक रेशा का सेवन करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। रेशा को पचाने और पाचन तंत्र में सही तरीके से काम करने के लिए पानी आवश्यक है।
  3. संतुलित आहार: केवल रेशा पर ध्यान केंद्रित न करें। अपने आहार में सभी प्रकार के पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखें।
  4. रेशा के विभिन्न स्रोत: विभिन्न प्रकार के रेशा वाले खाद्य पदार्थ खाएं, जैसे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और बीन्स। इससे एक ही प्रकार के रेशा का अत्यधिक सेवन नहीं होगा।
  5. परामर्श लें: अगर आपको रेशा सेवन के बारे में कोई संदेह है या स्वास्थ्य समस्याएँ हो रही हैं, तो डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लें।

       रेशा हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में मदद करता है, लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, रेशा का संतुलित और उचित मात्रा में सेवन करना महत्वपूर्ण है। संतुलित आहार और सही मात्रा में रेशा का सेवन ही स्वस्थ जीवन का आधार है।    

Benefits of fibers

          संतुलित रेशा (फाइबर) का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। यहाँ संतुलित रेशा के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

पाचन तंत्र में सुधार

  1. कब्ज से बचाव: रेशा मल को नरम और भारी बनाता है, जिससे मल त्यागना आसान होता है और कब्ज की समस्या कम होती है।
  2. आंतों के स्वास्थ्य में सुधार: रेशा आंतों की सफाई में मदद करता है और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करता है।

वजन प्रबंधन

  1. भूख नियंत्रित करना: रेशा युक्त खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे पेट भरा रहता है और बार-बार भूख नहीं लगती। इससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  2. कैलोरी कम करना: रेशा युक्त खाद्य पदार्थों में कैलोरी कम होती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम होता है।

रक्त शर्करा नियंत्रण

  1. मधुमेह प्रबंधन: घुलनशील रेशा रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम होता है।
  2. इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार: रेशा इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे शरीर शर्करा का सही तरीके से उपयोग कर पाता है।

हृदय स्वास्थ्य

  1. कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करना: घुलनशील रेशा LDL (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा घटता है।
  2. रक्तचाप में सुधार: रेशा युक्त आहार उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

कैंसर से बचाव

  1. बड़ी आंत के कैंसर का खतरा कम करना: रेशा बड़ी आंत की सफाई में मदद करता है और कैंसरकारक पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है, जिससे बड़ी आंत के कैंसर का खतरा कम होता है।

आंतरिक स्वास्थ्य

  1. माइक्रोबायोम में सुधार: रेशा आंतों में लाभकारी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन तंत्र का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  2. विटामिन और खनिजों का अवशोषण: संतुलित रेशा आंतों में सूक्ष्म पोषक तत्वों के सही अवशोषण को सुनिश्चित करता है, जिससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।

संतुलित रेशा सेवन के उपाय

  1. साबुत अनाज: अपने आहार में साबुत अनाज जैसे जई, जौ, ब्राउन राइस, और साबुत गेहूं को शामिल करें।
  2. फल और सब्जियाँ: ताजे फल और सब्जियाँ, विशेषकर छिलके सहित खाएँ। सेब, संतरा, गाजर, और ब्रोकोली जैसे खाद्य पदार्थ रेशा से भरपूर होते हैं।
  3. बीन्स और दालें: विभिन्न प्रकार की बीन्स, दालें और फलियाँ अपने आहार में शामिल करें।
  4. मेवे और बीज: बादाम, चिया बीज, और अलसी के बीज रेशा का अच्छा स्रोत हैं।

संतुलित रेशा का सेवन न केवल पाचन तंत्र के लिए बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल विभिन्न बीमारियों से बचाव होता है बल्कि शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी मिलते हैं।

 

Dosage of fiber WHO according

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों द्वारा सुझाए गए रेशा (फाइबर) के दैनिक सेवन की मात्रा उम्र, लिंग और विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं के आधार पर भिन्न हो सकती है। यहां सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं:

वयस्कों के लिए

  • पुरुष: 30-38 ग्राम प्रति दिन
  • महिलाएं: 21-25 ग्राम प्रति दिन

बच्चों के लिए

बच्चों के लिए fiber सेवन की अनुशंसित मात्रा उनकी उम्र और लिंग के आधार पर भिन्न होती है:

  • 1-3 वर्ष: लगभग 19 ग्राम प्रति दिन
  • 4-8 वर्ष: लगभग 25 ग्राम प्रति दिन
  • 9-13 वर्ष (लड़कियां): लगभग 26 ग्राम प्रति दिन
  • 9-13 वर्ष (लड़के): लगभग 31 ग्राम प्रति दिन
  • 14-18 वर्ष (लड़कियां): लगभग 26 ग्राम प्रति दिन
  • 14-18 वर्ष (लड़के): लगभग 38 ग्राम प्रति दिन

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं

  • गर्भवती महिलाएं: लगभग 28 ग्राम प्रति दिन
  • स्तनपान कराने वाली महिलाएं: लगभग 29 ग्राम प्रति दिन

रेशा का सेवन कैसे बढ़ाएं

    Fiber  का सेवन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  1. साबुत अनाज का सेवन: अपने आहार में साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, और साबुत गेहूं की रोटी शामिल करें।
  2. फल और सब्जियाँ: ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, विशेषकर छिलके सहित खाएँ। सेब, संतरा, गाजर, और ब्रोकोली जैसे खाद्य पदार्थ रेशा से भरपूर होते हैं।
  3. बीन्स और दालें: विभिन्न प्रकार की बीन्स, दालें और फलियाँ अपने आहार में शामिल करें।
  4. मेवे और बीज: बादाम, चिया बीज, और अलसी के बीज रेशा का अच्छा स्रोत हैं।
  5. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें: अधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें और प्राकृतिक, संपूर्ण खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं।

Fiber का संतुलित सेवन

  • धीरे-धीरे बढ़ाएं: अगर आप अपने आहार में  Fiber की मात्रा बढ़ा रहे हैं, तो इसे धीरे-धीरे करें ताकि आपका पाचन तंत्र समायोजित हो सके।
  • पर्याप्त पानी पिएं: रेशा के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। रेशा पानी को अवशोषित करता है और अगर पानी की कमी हो तो यह पाचन तंत्र में समस्या पैदा कर सकता है।

संतुलित fiber का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे न केवल पाचन तंत्र बल्कि समग्र स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। WHO और अन्य स्वास्थ्य संगठनों द्वारा सुझाए गए दिशानिर्देशों का पालन करके हम अपने आहार में उचित मात्रा में Fiber  सुनिश्चित कर सकत

 

Dosage of ICMR according

           भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारतीय आबादी के लिए Fiber  (रेशा) की अनुशंसित दैनिक मात्रा निर्धारित की है। ICMR के अनुसार, विभिन्न आयु वर्गों और लिंग के लिए Fiber का सेवन निम्नलिखित है:

वयस्कों के लिए

  • पुरुष: लगभग 40 ग्राम प्रति दिन
  • महिलाएं: लगभग 25 ग्राम प्रति दिन

बच्चों के लिए

             बच्चों के लिए fiber सेवन की अनुशंसित मात्रा उनकी उम्र के आधार पर भिन्न होती है:

  • 1-3 वर्ष: लगभग 19 ग्राम प्रति दिन
  • 4-6 वर्ष: लगभग 25 ग्राम प्रति दिन
  • 7-9 वर्ष: लगभग 26 ग्राम प्रति दिन
  • 10-12 वर्ष (लड़कियां): लगभग 27 ग्राम प्रति दिन
  • 10-12 वर्ष (लड़के): लगभग 28 ग्राम प्रति दिन
  • 13-15 वर्ष (लड़कियां): लगभग 26 ग्राम प्रति दिन
  • 13-15 वर्ष (लड़के): लगभग 30 ग्राम प्रति दिन
  • 16-18 वर्ष (लड़कियां): लगभग 26 ग्राम प्रति दिन
  • 16-18 वर्ष (लड़के): लगभग 30 ग्राम प्रति दिन

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं

  • गर्भवती महिलाएं: लगभग 28 ग्राम प्रति दिन
  • स्तनपान कराने वाली महिलाएं: लगभग 30 ग्राम प्रति दिन

रेशा का सेवन कैसे बढ़ाएं

         Fibers का सेवन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  1. साबुत अनाज का सेवन: अपने आहार में साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, और साबुत गेहूं की रोटी शामिल करें।
  2. फल और सब्जियाँ: ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, विशेषकर छिलके सहित खाएँ। सेब, संतरा, गाजर, और ब्रोकोली जैसे खाद्य पदार्थ fiber  से भरपूर होते हैं।
  3. बीन्स और दालें: विभिन्न प्रकार की बीन्स, दालें और फलियाँ अपने आहार में शामिल करें।
  4. मेवे और बीज: बादाम, चिया बीज, और अलसी के बीज रेशा का अच्छा स्रोत हैं।
  5. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें: अधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें और प्राकृतिक, संपूर्ण खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं।

रेशा का संतुलित सेवन

  • धीरे-धीरे बढ़ाएं: अगर आप अपने आहार में रेशा की मात्रा बढ़ा रहे हैं, तो इसे धीरे-धीरे करें ताकि आपका पाचन तंत्र समायोजित हो सके।
  • पर्याप्त पानी पिएं:  Fiber के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। रेशा पानी को अवशोषित करता है और अगर पानी की कमी हो तो यह पाचन तंत्र में समस्या पैदा कर सकता है।

संतुलित रेशा( Fiber ) का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे न केवल पाचन तंत्र बल्कि समग्र स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ICMR के दिशानिर्देशों का पालन करके हम अपने आहार में उचित मात्रा में Fiber सुनिश्चित कर सकते हैं।

 

Conclusion

          रेशा (fiber) स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पाचन को सुधारने, वजन नियंत्रित करने, और दिल की बीमारियों का जोखिम कम करने में मदद करता है। Fiber  से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे अतिरिक्त खाने की प्रवृत्ति कम होती है।

            Fiber  का सेवन नियमित रूप से करने से कब्ज जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है और शरीर में शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखा जा सकता है। संक्षेप में, एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए fiber का उचित मात्रा में सेवन बहुत आवश्यक है।

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