work of minerals in human body
मनुष्य के शरीर में Minerals का महत्वपूर्ण कार्य होता है, जो जीवन के विभिन्न प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने में सहायक होते हैं। खनिजों का शरीर में कई प्रकार से उपयोग होता है, जैसे कि कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक होते हैं। कैल्शियम हड्डियों को कठोरता और स्थायित्व प्रदान करता है, जबकि फॉस्फोरस ऊर्जा संचय और वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मैग्नीशियम मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है, साथ ही यह प्रोटीन संश्लेषण और रक्तचाप नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण होता है। आयरन (लोहा) शरीर में ऑक्सीजन के परिवहन के लिए आवश्यक होता है, क्योंकि यह हीमोग्लोबिन का मुख्य घटक है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जिंक (जस्ता) प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, घावों को भरने में मदद करता है और डीएनए संश्लेषण में महत्वपूर्ण होता है।
पोटैशियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में द्रव संतुलन बनाए रखने, मांसपेशियों के संकुचन और तंत्रिका संकेतों को संचालित करने में सहायक होते हैं। सेलेनियम एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त होता है, जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाता है और थायरॉयड हार्मोन के निर्माण में मदद करता है। इन खनिजों की सही मात्रा में उपस्थिति स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक होती है, क्योंकि इनकी कमी या अधिकता दोनों ही स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।
इस प्रकार, संतुलित आहार के माध्यम से इन आवश्यक minerals का सेवन हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
kinds of minerals
खनिजों को उनके कार्य और शरीर में आवश्यकता के आधार पर मुख्यतः दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: microminerals (प्रमुख खनिज) और trace minerals (सूक्ष्म खनिज)।
1. मैक्रोमिनरल्स (प्रमुख खनिज)
मैक्रोमिनरल्स वे खनिज हैं जिनकी शरीर को अपेक्षाकृत बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। इनमें शामिल हैं:
- कैल्शियम (Calcium): हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक।
- फॉस्फोरस (Phosphorus): ऊर्जा संचय और हड्डियों की मजबूती में सहायक।
- पोटैशियम (Potassium): द्रव संतुलन और तंत्रिका संकेतों के संचालन में महत्वपूर्ण।
- सोडियम (Sodium): द्रव संतुलन और मांसपेशियों के संकुचन में मदद करता है।
- मैग्नीशियम (Magnesium): प्रोटीन संश्लेषण, मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों के लिए आवश्यक।
- सल्फर (Sulfur): अमीनो एसिड और प्रोटीन संरचना का हिस्सा।
2. ट्रेस मिनरल्स (सूक्ष्म खनिज)
ट्रेस मिनरल्स वे खनिज हैं जिनकी शरीर को बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है, लेकिन ये भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इनमें शामिल हैं:
- आयरन (Iron): हीमोग्लोबिन का मुख्य घटक, जो ऑक्सीजन परिवहन में मदद करता है।
- जिंक (Zinc): प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और घावों को भरने में मदद करता है।
- सेलेनियम (Selenium): एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त और थायरॉयड हार्मोन के निर्माण में सहायक।
- कॉपर (Copper): लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और आयरन के उपयोग में मदद करता है।
- मैंगनीज (Manganese): हड्डियों के निर्माण और एंजाइम कार्यों में सहायक।
- आयोडीन (Iodine): थायरॉयड हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक।
- कोबाल्ट (Cobalt): विटामिन B12 का हिस्सा और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
- मोलिब्डेनम (Molybdenum): एंजाइम कार्यों में सहायक और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
- फ्लोरीन (Fluorine): दांतों की मजबूती और कैविटी की रोकथाम में मदद करता है।
इन minerals की सही मात्रा में उपस्थिति शरीर की विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक है। इन खनिजों का संतुलित आहार के माध्यम से सेवन हमारे समग्र स्वास्थ्य और भलाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
sources of minerals
खनिजों की आपूर्ति के लिए विभिन्न खाद्य स्रोत महत्वपूर्ण होते हैं। यहाँ प्रमुख minerals और उनके स्रोतों का विवरण दिया गया है:
मैक्रोमिनरल्स (प्रमुख खनिज)
- कैल्शियम (Calcium)
- दूध और दुग्ध उत्पाद: दूध, दही, पनीर
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक, केल
- सुपरफूड्स: बादाम, तिल के बीज
- फॉस्फोरस (Phosphorus)
- मांस और मछली: चिकन, बीफ, सैल्मन
- डेयरी उत्पाद: दूध, चीज
- दालें और अनाज: दालें, ब्राउन राइस
- पोटैशियम (Potassium)
- फल: केले, संतरे
- सब्जियाँ: आलू, टमाटर
- सूखे मेवे: किशमिश, खजूर
- सोडियम (Sodium)
- नमक: टेबल सॉल्ट
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: नमकीन, चिप्स
- डिब्बाबंद सूप और सब्जियाँ
- मैग्नीशियम (Magnesium)
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक, केल
- नट्स और बीज: काजू, बादाम, कद्दू के बीज
- अनाज: ओट्स, ब्राउन राइस
ट्रेस मिनरल्स (सूक्ष्म खनिज)
- आयरन (Iron)
- मांस: लाल मांस, चिकन लिवर
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक
- फलियां: छोले, मसूर
- जिंक (Zinc)
- मांस: बीफ, पोर्क
- समुद्री खाद्य: कस्तूरियाँ (ऑयस्टर)
- नट्स और बीज: कद्दू के बीज, काजू
- सेलेनियम (Selenium)
- समुद्री खाद्य: टूना, सैल्मन
- नट्स: ब्राजील नट्स
- अनाज और ब्रेड
- कॉपर (Copper)
- समुद्री खाद्य: कस्तूरियाँ, केकड़ा
- नट्स और बीज: काजू, सूरजमुखी के बीज
- मांस और लीवर
- मैंगनीज (Manganese)
- साबुत अनाज: ब्राउन राइस, ओट्स
- नट्स और बीज: बादाम, काजू
- चाय और मसाले
- आयोडीन (Iodine)
- समुद्री खाद्य: मछली, समुद्री शैवाल
- डायरी उत्पाद: दूध, दही
- आयोडीन युक्त नमक
- कोबाल्ट (Cobalt)
- मांस: रेड मीट
- डेयरी उत्पाद: दूध, चीज
- फलियां: सेम, मसूर
- मोलिब्डेनम (Molybdenum)
- दालें: मसूर, मटर
- अनाज: ब्राउन राइस, जई
- दूध और डेयरी उत्पाद
- फ्लोरीन (Fluorine)
- पीने का पानी (यदि फ्लोराइड युक्त हो)
- चाय
- समुद्री मछली
इन स्रोतों से आवश्यक खनिजों का सेवन करके हम अपने शरीर की विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चला सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। संतुलित और विविध आहार का पालन करना खनिजों की पर्याप्त मात्रा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
dosage of minerals according ICMR
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने विभिन्न खनिजों की अनुशंसित दैनिक मात्रा (Recommended Dietary Allowances, RDA) को निर्धारित किया है। यहाँ पर प्रमुख खनिजों की दैनिक खुराक का विवरण दिया गया है:
प्रमुख खनिज (Macrominerals)
- कैल्शियम (Calcium)
- वयस्क पुरुष: 600 मिलीग्राम/दिन
- वयस्क महिला: 600 मिलीग्राम/दिन
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: 1200 मिलीग्राम/दिन
- फॉस्फोरस (Phosphorus)
- वयस्क पुरुष: 600 मिलीग्राम/दिन
- वयस्क महिला: 600 मिलीग्राम/दिन
- मैग्नीशियम (Magnesium)
- वयस्क पुरुष: 340 मिलीग्राम/दिन
- वयस्क महिला: 310 मिलीग्राम/दिन
- पोटैशियम (Potassium)
- वयस्क: 3750 मिलीग्राम/दिन
- सोडियम (Sodium)
- वयस्क: 2000 मिलीग्राम/दिन
सूक्ष्म खनिज (Trace Minerals)
- आयरन (Iron)
- वयस्क पुरुष: 17 मिलीग्राम/दिन
- वयस्क महिला: 21 मिलीग्राम/दिन
- गर्भवती महिला: 35 मिलीग्राम/दिन
- जिंक (Zinc)
- वयस्क पुरुष: 12 मिलीग्राम/दिन
- वयस्क महिला: 10 मिलीग्राम/दिन
- आयोडीन (Iodine)
- वयस्क: 150 माइक्रोग्राम/दिन
- सेलेनियम (Selenium)
- वयस्क पुरुष: 40 माइक्रोग्राम/दिन
- वयस्क महिला: 30 माइक्रोग्राम/दिन
- कॉपर (Copper)
- वयस्क: 1.7 मिलीग्राम/दिन
- मैंगनीज (Manganese)
- वयस्क पुरुष: 2.3 मिलीग्राम/दिन
- वयस्क महिला: 1.8 मिलीग्राम/दिन
- फ्लोरीन (Fluorine)
- वयस्क: 3.0 मिलीग्राम/दिन
अन्य महत्वपूर्ण खनिज
- क्रोमियम (Chromium)
- वयस्क: 30 माइक्रोग्राम/दिन
- मोलिब्डेनम (Molybdenum)
- वयस्क: 45 माइक्रोग्राम/दिन
- कोबाल्ट (Cobalt)
- वयस्क: 2.4 माइक्रोग्राम/दिन (विटामिन B12 के माध्यम से)
ये मात्रा सामान्य स्वस्थ वयस्कों के लिए अनुशंसित हैं और विशेष परिस्थितियों में अलग-अलग हो सकती हैं, जैसे कि गर्भावस्था, स्तनपान, या चिकित्सा स्थितियों के अनुसार। संतुलित आहार और सही पोषण के माध्यम से इन खनिजों की आवश्यकताओं को पूरा करना मह
EXCESS OF MINERALS
खनिजों की अत्यधिक मात्रा, जिन्हें ओवरडोज़ या विषाक्तता कहा जाता है, शरीर में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। यहाँ प्रमुख खनिजों के अत्यधिक सेवन के प्रभावों का विवरण दिया गया है:
प्रमुख खनिज (Macrominerals)
- कैल्शियम (Calcium)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: हाइपरकैल्सेमिया, गुर्दे की पथरी, हड्डियों में दर्द, कमजोरी, मांसपेशियों में कमजोरी।
- संभावित कारण: बहुत अधिक कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन या अत्यधिक डेयरी उत्पाद।
- फॉस्फोरस (Phosphorus)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: हड्डियों का कमजोर होना, खनिज संतुलन में असंतुलन, किडनी में समस्या।
- संभावित कारण: प्रोसेस्ड फूड्स और सोडा में उच्च फॉस्फेट का सेवन।
- मैग्नीशियम (Magnesium)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: डायरिया, मांसपेशियों में कमजोरी, सांस लेने में कठिनाई, हृदय की धड़कन में गड़बड़ी।
- संभावित कारण: मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन।
- सोडियम (Sodium)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की समस्या।
- संभावित कारण: नमकीन खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन।
सूक्ष्म खनिज (Trace Minerals)
- आयरन (Iron)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: हीमोक्रोमैटोसिस, यकृत क्षति, मधुमेह, हृदय रोग।
- संभावित कारण: आयरन सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन।
- जिंक (Zinc)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: मतली, उल्टी, भूख में कमी, पेट में ऐंठन, सिरदर्द, प्रतिरक्षा प्रणाली में गड़बड़ी।
- संभावित कारण: जिंक सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन।
- आयोडीन (Iodine)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: थायरॉयड ग्रंथि में असामान्यताएं, हाइपरथायरायडिज्म, थायरॉयड ग्रंथि की सूजन।
- संभावित कारण: आयोडीन युक्त नमक या सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन।
- सेलेनियम (Selenium)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: बालों का झड़ना, नाखूनों का टूटना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, त्वचा पर चकत्ते, नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी।
- संभावित कारण: सेलेनियम सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन।
- कॉपर (Copper)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: मतली, उल्टी, पेट में दर्द, दस्त, यकृत और गुर्दे की क्षति।
- संभावित कारण: कॉपर पाइप से पानी का सेवन या सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन।
अन्य महत्वपूर्ण खनिज
- क्रोमियम (Chromium)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: त्वचा पर चकत्ते, हाइपोग्लाइसीमिया, यकृत और गुर्दे की क्षति।
- संभावित कारण: क्रोमियम सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन।
- मोलिब्डेनम (Molybdenum)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: गाउट जैसी लक्षण, जोड़ों में दर्द, खून में यूरिक एसिड का उच्च स्तर।
- संभावित कारण: मोलिब्डेनम सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन।
- फ्लोरीन (Fluorine)
- अत्यधिक सेवन के प्रभाव: फ्लोरोसिस, हड्डियों में दर्द, जोड़ों में कठोरता, दांतों पर सफेद धब्बे।
- संभावित कारण: फ्लोराइड युक्त पानी या टूथपेस्ट का अत्यधिक सेवन।
इन खनिजों की अत्यधिक मात्रा से बचने के लिए संतुलित आहार का पालन करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, खनिज सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
deficiency of minerals
खनिजों की कमी या अभाव के कारण शरीर में विभिन्न समस्याएँ हो सकती हैं। यहाँ प्रमुख minerals की कमी के कुछ मुख्य कारणों का वर्णन दिया गया है:
प्रमुख खनिज (Macrominerals)
- कैल्शियम (Calcium)
- कमी के कारण: असंतुलित आहार, डेयरी उत्पादों का कम सेवन, कम विकास वाले देशों में खाद्य संसाधनों की कमी।
- लक्षण: हड्डियों की कमजोरी, डेंटल प्रॉब्लम्स, राख की बिमारियों का बढ़ना।
- फॉस्फोरस (Phosphorus)
- कमी के कारण: मलवा क्षेत्र, आहार में कम फॉस्फोरस, डेयरी उत्पादों का कम सेवन।
- लक्षण: हड्डियों की कमजोरी, मांसपेशियों में कमजोरी, विशेषकर बच्चों में विकास के दौरान।
- मैग्नीशियम (Magnesium)
- कमी के कारण: खाद्य संसाधनों में कमी, अधिक तनाव, अल्कोहल और कॉफी का अधिक सेवन।
- लक्षण: अत्यधिक थकावट, दिल की समस्याएँ, मांसपेशियों में कमजोरी।
- पोटैशियम (Potassium)
- कमी के कारण: असंतुलित आहार, किडनी की समस्याएँ, डायबिटीज़, विशेषकर अत्यधिक पसीना।
- लक्षण: नियमित दिल की धड़कन, मांसपेशियों में दर्द, पाचन समस्याएँ।
- सोडियम (Sodium)
- कमी के कारण: सामान्यतः असंतुलित आहार, अत्यधिक शारीरिक गतिविधियाँ या विशेष आहार।
- लक्षण: थकावट, उबकाई, मांसपेशियों में दर्द।
सूक्ष्म खनिज (Trace Minerals)
- आयरन (Iron)
- कमी के कारण: असंतुलित आहार, माहवारी की समस्याएँ, खाद्य संसाधनों में आयरन की कमी।
- लक्षण: अत्यधिक थकावट, खून की कमी, मांसपेशियों में कमजोरी।
- जिंक (Zinc)
- कमी के कारण: असंतुलित आहार, जिंक की अवशेषण संबंधी समस्याएँ, प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन।
- लक्षण: बालों का झड़ना, त्वचा में सूखापन, पाचन समस्याएँ।
- आयोडीन (Iodine)
- कमी के कारण: खाद्य संसाधनों में आयोडीन की कमी, थायरॉयड समस्याएँ, अल्पवृद्धि क्षेत्रों में असंतुलित आहार।
- लक्षण: थायरॉयड ग्रंथि में वृद्धि, वजन में परिवर्तन, थकान।
- सेलेनियम (Selenium)
- कमी के कारण: असंतुलित आहार, क्षमतापूर्ण खेती, विशेषकर अत्यधिक उत्पादन क्षेत्रों में सेलेनियम की कमी।
- लक्षण: अत्यधिक थकान, त्वचा की समस्याएँ, वजन में परिवर्तन।
- कॉपर (Copper)
- कमी के कारण: खाद्य संसाधनों में कॉपर की कमी, अजीबोगरीब खाद्य व्यवहार, ग्लूटेन मुक्त आहार।
- लक्षण: त्वचा में सूखापन, बालों का झड़ना, पाचन समस्याएँ।
Minerals की कमी से बचने के लिए संतुलित आहार और समय-समय पर चिकित्सक की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। यदि इन लक्षणों में से कोई दिखाई दे रहा हो, तो संपर्क करना चहिए।
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benefit of minerals
खनिजों के लाभ विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने और शरीर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये खनिज विभिन्न शारीरिक कार्यों में मदद करते हैं और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करते हैं। यहाँ कुछ मुख्य खनिजों के लाभ बताए गए हैं:
- कैल्शियम: हड्डियों और दांतों के लिए महत्वपूर्ण है, साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य को भी सुधारता है।
- फॉस्फोरस: उत्तम हड्डी और दांतों के विकास के लिए आवश्यक है, और यह ऊर्जा उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- मैग्नीशियम: यह मांसपेशियों को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है, और यह न्यूरोमस्कुलर फ़ंक्शन को भी सुधारता है।
- पोटैशियम: यह शरीर में शारीरिक तरीके से ऊर्जा उत्पादन में मदद करता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
- आयरन: यह हेमोग्लोबिन उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और खून में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है।
- जिंक: इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है और त्वचा, बाल और नाखूनों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
- आयोडीन: यह थायरॉयड ग्रंथि के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है।
- सेलेनियम: इसकी उपस्थिति विशेषकर विटामिन ई के साथ मिलकर एंटीऑक्सीडेंट कार्यों में मदद करती है।
ये minerals स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं और संतुलित आहार के माध्यम से इन्हें प्राप्त करना आवश्यक होता है।
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Conclusion
अच्छे खनिज स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक हैं। ये खनिज हमारे शरीर की विभिन्न कार्यों को सही ढंग से चलाने में मदद करते हैं। कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, और पोटैशियम जैसे खनिज हमारे हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, रक्त की गुणवत्ता को सुधारते हैं, और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सही मात्रा में खनिजों का सेवन करने से हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों बेहतर रहते हैं। इसलिए, अपने आहार में इन खनिजों को शामिल करना एक स्वस्थ और सुखद जीवन के लिए अनिवार्य है।