Protein
प्रोटीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है। यह एक प्रकार का माध्यम है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, विभिन्न कार्यों में सहायक होता है, और ऊतकों के निर्माण और अनुरक्षण में सहायक होता है। प्रोटीन शरीर में ऊतकों, हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा, और बालों का मुख्य घटक है। यह शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है और उसके साथ ही विभिन्न कार्यों को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रोटीन को सर्वप्रथम नामकरण Mr.J.J.Mulder ने 1840 मे किया था ।
प्रोटीन को ,amino acid के बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में भी जाना जाता है। ये अमिनो अम्ल शरीर के निर्माण और संरचना के लिए आवश्यक होते हैं। प्रोटीन के बिना, शरीर को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई होती है और समान रूप से ऊर्जा स्तर भी प्रभावित हो सकता है। खासकर वे लोग जो मांसाहारी नहीं हैं, उन्हें ध्यान देना चाहिए कि वे प्रोटीन को अपने आहार में, fr, प्राप्त करें, क्योंकि वे विभिन्न प्रोटीन स्रोतों के बिना प्रोटीन की कमी का सामना कर सकते हैं।
अधिकतर मांस, मछली, अंडे, दूध और दूध उत्पाद, दालें, नट्स, और बीज प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं। इन खाद्य पदार्थों को सेवन करके व्यक्ति PROTEIN की आवश्यकता को पूरा कर सकता है और अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रख सकता है। इसलिए, स्वस्थ आहार में प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्थान है, जो शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में मदद करता है।
work on protein human body:-
प्रोटीन मानव शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों का समर्थन करता है। प्राथमिकता से, यह ऊतकों, कोशिकाओं, और अंगों के निर्माण और पुनर्निर्माण में सहायक होता है। यह मांसपेशियों, हड्डियों, चमड़े, और बालों का मुख्य घटक होता है और उन्हें मजबूती प्रदान करता है। प्रोटीन शरीर की संरचना को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और संयंत्रों के तैयारी में भी सहायक होता है।
दूसरे, प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो उत्तेजना के लिए आवश्यक होते हैं और शरीर को गति देने में मदद करते हैं। यह मांसपेशियों के विकास और मांसपेशियों के परिरक्षण को संभालता है जिससे शरीर की क्षमता बढ़ती है और आम व्यायाम और दैनिक गतिविधियों को संभालने में मदद मिलती है।
तृतीय, प्रोटीन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक ऊर्जा संचालित करता है। यह महत्वपूर्ण अमिनो अम्लों के माध्यम से अनुपातित किया जाता है जो शरीर को उपजाऊ ऊर्जा स्रोत प्रदान करते हैं।
इसलिए, प्रोटीन मानव शरीर में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, न केवल शारीरिक संरचना और कार्यों के लिए, बल्कि उत्तेजना और ऊर्जा के संचालन के लिए भी। यह उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्वों में से एक है जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।
kinds of protein
प्रोटीन के कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न कार्यों और उपयोगों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ प्रमुख प्रकार:
- 1 .संरचनात्मक प्रोटीन:
- ये प्रोटीन शरीर की संरचना को बनाए रखने में मदद करते हैं, जैसे कि कोलाजन, एलास्टिन, और केरेटिन। ये मांसपेशियों, हड्डियों, चमड़े, और नाखूनों में पाए जाते हैं।
- 2 .उत्तेजनात्मक प्रोटीन:
- ये प्रोटीन मांसपेशियों के उत्तेजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि एक्टिन और मायोसिन, जो मांसपेशियों के आंशिक कंट्रैक्शन को संचालित करते हैं।
- 3 .हार्मोनल प्रोटीन:
- ये प्रोटीन अद्भुतता के विभिन्न कार्यों को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि इंसुलिन, थायरॉक्सीन, और अद्भुतता को नियंत्रित करने वाले अन्य हार्मोन।
- एंजाइम:
ये प्रोटीन रासायनिक प्रक्रियाओं को संचालित करने और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे कि पाचन, हड्डी उत्पादन, और रक्त संघटन। - 4 . एंटी बॉडी:
- ये प्रोटीन शरीर की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और विभिन्न प्रकार के रोगाणुओं और विषाणुओं के खिलाफ रोगाणुरोधी प्रतिक्रियाओं को उत्पन्न करते हैं।
ये कुछ प्रमुख प्रकार के प्रोटीन हैं, जो शरीर में विभिन्न कार्यों और प्रक्रियाओं को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
some common types of protein:-
- संपूर्ण प्रोटीन (Complete Protein)
- :-
- यह प्रोटीन अमीनो एसिड के संपूर्ण सेट को प्रदान करता है जो आवश्यक हैं, जिससे शरीर विभिन्न कार्यों को सही ढंग से संचालित कर सकता है। मांस, मछली, अंडे, दूध और दूध उत्पाद आदि इस प्रकार के प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं।
- अधूरा प्रोटीन (Incomplete Protein):-
- यह प्रोटीन अमीनो एसिडों को पूरा नहीं करता है, इसलिए यह सभी आवश्यक अमीनो एसिड्स को नहीं प्रदान करता है। इस प्रकार के प्रोटीन दालें, अनाज, बीज, और नट्स में पाए जा सकते हैं।
- आधारित प्रोटीन (Plant-based Protein):-
- यह प्रोटीन वनस्पतिक स्रोतों से प्राप्त होता है। इसमें डालें, अनाज, बीज, नट्स, और सब्जियां शामिल होती हैं।
- असत्यापिक प्रोटीन (Synthetic Protein):-
- यह प्रोटीन शारीर को विभिन्न उपयोग के लिए साधारित किया जाता है, जैसे कि व्यायाम या चिकित्सा के लिए। यह प्रोटीन प्रतिरोधक के लिए भी तैयार किया जा सकता है।
ये कुछ प्रमुख प्रकार के प्रोटीन हैं जो शरीर को विभिन्न तरीकों से सहायता प्रदान करते हैं।
protean ki matra
“Protein” की मात्रा या खासतौर पर उपयोगी मात्रा व्यक्ति के आयु, वजन, लाइफस्टाइल, और स्वास्थ्य स्तर पर निर्भर करती है। एक सामान्य व्यक्ति के लिए, दैनिक प्रोटीन आवश्यकता उसकी उम्र, वजन, और शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करती है। उपयोगकर्ता के स्वास्थ्य स्थिति और उनकी विशेष आवश्यकताओं के आधार पर, एक व्यक्ति को अपनी प्रोटीन की मात्रा को समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए।
protean का वर्ग :
प्रोटीन मुक्ख्यतः 2वर्ग में विभाजित किया जा सकता है-
1 पौधो पर आधारित प्रोटीन:-
वह प्रोटीन जो पौधों से प्राप्त होते हैं वह plant based protein कहलाता है इनके आनेको पर है जैसे की दालें, नट्स, बीन्स,सोया, सब्जियों,पत्तेदार सब्जियां मोटे अनाज , फलिया वाले सब्जियां, फलों ,तिलहन के बीजों,इत्यादि।
1 रोटी :- अध्ययनों में पाया गया है की 1 समान्य रोटी जिसकी ब्यास 6 इंच कि हो उसमे 2 -3 ग्राम प्रोटीन होते है
2 सब्ज़ियों में : – सब्जियों के बनाने के तिरिको औरअलग अलग प्रकार के कारण सभी में एक समान प्रोटीन की मात्रा नही होती ,लेकिन एक सामान्य मान्यता है प्रति कटोरी 2 से 4 ग्राम प्रोटीन हो सकती है
3 नट्स और बीज :- सभी नट्स और बीजों में प्रचुर मात्रा में प्रोटींस होती है जैसे मूंगफली में 150=28 से 30 ग्राम प्रोटीन,काजू अखरोट,बादाम,सोया में प्रति100 ग्राम =55से60ग्राम तक प्रोटीन की परप्ति की जा सकती है
4 दालों में ,:- मसूर में भी 200 ग्राम=18 ग्राम होती है चना,राजमा मूंग अरहर भी प्रोटीन का बहुत ही अच्छा स्त्रोत है।
2 पशुओं पर आधारित प्रोटीन:-
मुख्य रूप से वह प्रोटीन जो किसी ना किसी पशुओं से प्राप्त होती है वह animal based protein कहलाता है जैसा कि गाय की दूध से , ऊंट के दूध से ,बकरी के दूध से अंडा से, चिकन से, मटन से मछली से पनीर से घी इत्यादि से मिलने वाला प्रोटीन ही animal based होती है ।
1 .अंडा:- अंडा स्वस्थ के लिए परिपूर्ण माना गया है इसमें सभी आवश्यक Nutrition मौजूद होने के कारण doctors भी recommend करते हैं 1अंडे मेप्रोटिन की मात्रा 5से6 ग्राम होती है।
2 .पनीर:- शाकाहारी लोगो को जो खास तौर पर किसी भी प्रकार के मांसाहार से दूर रहते है उनके लिए प्रोटीन कि पूर्ति के लिए पनीर एक वरदान की तरह है जैसा कि सभी जानते है की 150 ग्राम पनीर में लगभग 27 ग्राम प्रोटीन होती है जो की हमारे शरीर की अधिकतम जरूरतों को पूरा कर सकती है ।
3 .दूध में:- दूध में भी प्रोटीन पर्याप्त माता में होती है प्रति 200ml में 6 से 8 ग्राम protein होती है लेकिन साथ ही 4 ग्राम फैट भी लेकर आती हैं इसलिए काम फैट वाली दूध लेने की सलाह दी जाती है।
4 .मछली:- भारत में आमतौर पर खाई जाने वाली मछली leen protein का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है,सामान्य तौर पर सेल्मन या टूना जैसी 100 ग्राम पकी हुई मछली 22 से 25 ग्राम protean और 13 ग्राम फैट मिलती है यह शरीर के विकास और रख रखाव में मदद कर तंदुरुस्त बनाने का काम करती है अतः nonveg खाने वालों को मछली को अपने आहार mr jarur शामिल करनी चहिए।
5 .चिकन और मटन:- इसे protein का बड़ा स्रोत माना गया है मानव शरीर में होने वाली प्रोटीन की कमी की मांसाहार द्वारा पूरा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है ,100 ग्राम ब्रेस्ट चिकन में 30ग्राम तक protein होती है इस लिए लोग चिकन,मटन,को ताकत का पर्याय मानकर मांसाहार को अपनाते जा रहे है।
सामान्य रूप से, एक साधारण व्यक्ति की दैनिक प्रोटीन आवश्यकता उसके वजन के हिसाब से मानी जाती है। W.H.O.के अनुसार यह सामान्यत: 0.8 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम वजन होती है। इसलिए, यदि किसी व्यक्ति का वजन, उदाहरण के लिए, 60 किलोग्राम है, तो उनकी दैनिक प्रोटीन आवश्यकता लगभग 48 ग्राम होगी।
परन्तु वहीं प्रोटीन की बाते हमारे देश भारत की संस्था M.C.I. की recommend हैं प्रति किलो ग्राम 1ग्राम protein की है क्योंकि भारतीय लोगो मेंप्रोटीन की कमी अन्यदेशों से कही ज्यादा है इसकी वजह यह की खानपान और दैनिक दिनचर्या है। प्रति ग्राम प्रोटीन के सेवन से 4.1ग्राम कैलोरी प्राप्त होती है |
Protein 20 अमीनो अम्ल से मिलकर बनता है जिसमे कुछ आवश्यक अमीनो एसिड है जिसे मन शरीर निर्माण व आपूर्ति नहीं कर पाता जिन्हे हमें बाहर से लेने की आवस्यक होती है उन्हे ही essential amino acid कहा जाता है जो कुछ इस प्रकार है।
- 1 लिउसीन
- 2 आइसोलिउसिन
- 3 वेलिन
- 4 लाइसीन
- 5 मेथियोनिन
- 6 थ्रियोनिन
- 7 फेनिल एलानिन
- 8 टिपट्रोफेन
- 9 histridin
- प्रोटीन के उद्देश्य :
1 . शरीर को अथवा उसके उत्तकों को या प्रत्येक अंगो को काम करने की शक्ति देना।
2 . शरीर के प्रत्येक दैनिक क्रियाओं में उत्तकों के टूटने फूटने से नष्ट होने वाली कोशिकाओं का पुनर्निर्माण में मदद करना।
3 . प्रोटीन का काम है की शरीर को रोगों से रक्षा करने की शक्ति देना ,
स्वास्थ के लिए वही प्रोटीन उपयुक्त है जो इन तीनों उद्देश्यों को पूरा करती हो ।
protein की कमी:-
प्रोटीन की कमी से ,मसल की हानि ,हड्डियों में कमजोरी दुबलापन, त्वचा की चमक में कमी,- एक आवाज्यक या सामान्य स्तर से उत्तीर्ण होने वाली स्केलेटल मांसपेशियों की कमी को दर्शाता है, जो व्यक्ति की आंतरिक शक्ति और क्षमता में कमी कर सकती है। इसका मुख्य कारण वृद्धि और उम्र के साथ मांसपेशियों की कमी है, जो शारीरिक अक्षमता, घातक स्वास्थ्य समस्याएं, और आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों का कारण बन सकती हैं।
सार्कोपेनिया को रोकने के लिए उचित पोषण, नियमित व्यायाम, और Nutrition Supplements के साथ ही साइडरेजिंग जैसे व्यायामों का समर्थन किया जा सकता है
protein की अधिकता:-
कुछ अध्ययनों से चलता है की शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने पर स्वस्थ पर विपरित प्रभाव पड़ता है इस कारण किडनी disease और किडनी failiyer जैसे गंभीर खतरा रहता है इसकी वजह से शरीर में ,थकान, नींद ना आना, भूख नहीं लगना, पैरों में दर्द होना, एंडी और टखनों में सूजन होना इत्यादि समस्याओ का कारण बन सकते हैं।
PRECOTION~ यहां एक सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्ति की आदर्श प्रोटीन आवश्यकताओं की एक अनुमानित गणना दी गई है, लेकिन यह व्यक्ति की विशेष स्थिति और आवश्यकताओं पर निर्भर करेगी। अतः, सबसे अच्छा तरीका है कि व्यक्ति अपने doctors से सलाह ले और अपनी protein की आवश्यकता को उनकी विशेष परिस्थितियों के आधार पर निर्धारित करें। Bhagwat prasad jaiswal nutrition counselor
kinds of protein
प्रोटीन के कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न कार्यों और उपयोगों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ प्रमुख प्रकार:
- 1 .संरचनात्मक प्रोटीन:
- ये प्रोटीन शरीर की संरचना को बनाए रखने में मदद करते हैं, जैसे कि कोलाजन, एलास्टिन, और केरेटिन। ये मांसपेशियों, हड्डियों, चमड़े, और नाखूनों में पाए जाते हैं।
- 2 .उत्तेजनात्मक प्रोटीन:
- ये प्रोटीन मांसपेशियों के उत्तेजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि एक्टिन और मायोसिन, जो मांसपेशियों के आंशिक कंट्रैक्शन को संचालित करते हैं।
- 3 .हार्मोनल प्रोटीन:
- ये प्रोटीन अद्भुतता के विभिन्न कार्यों को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि इंसुलिन, थायरॉक्सीन, और अद्भुतता को नियंत्रित करने वाले अन्य हार्मोन।
- एंजाइम:
ये प्रोटीन रासायनिक प्रक्रियाओं को संचालित करने और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे कि पाचन, हड्डी उत्पादन, और रक्त संघटन। - 4 . एंटी बॉडी:
- ये प्रोटीन शरीर की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और विभिन्न प्रकार के रोगाणुओं और विषाणुओं के खिलाफ रोगाणुरोधी प्रतिक्रियाओं को उत्पन्न करते हैं।
ये कुछ प्रमुख प्रकार के प्रोटीन हैं, जो शरीर में विभिन्न कार्यों और प्रक्रियाओं को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
some common types of protein:-
- संपूर्ण प्रोटीन (Complete Protein)
- :-
- यह प्रोटीन अमीनो एसिड के संपूर्ण सेट को प्रदान करता है जो आवश्यक हैं, जिससे शरीर विभिन्न कार्यों को सही ढंग से संचालित कर सकता है। मांस, मछली, अंडे, दूध और दूध उत्पाद आदि इस प्रकार के प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं।
- अधूरा प्रोटीन (Incomplete Protein):-
- यह प्रोटीन अमीनो एसिडों को पूरा नहीं करता है, इसलिए यह सभी आवश्यक अमीनो एसिड्स को नहीं प्रदान करता है। इस प्रकार के प्रोटीन दालें, अनाज, बीज, और नट्स में पाए जा सकते हैं।
- आधारित प्रोटीन (Plant-based Protein):-
- यह प्रोटीन वनस्पतिक स्रोतों से प्राप्त होता है। इसमें डालें, अनाज, बीज, नट्स, और सब्जियां शामिल होती हैं।
- असत्यापिक प्रोटीन (Synthetic Protein):-
- यह प्रोटीन शारीर को विभिन्न उपयोग के लिए साधारित किया जाता है, जैसे कि व्यायाम या चिकित्सा के लिए। यह प्रोटीन प्रतिरोधक के लिए भी तैयार किया जा सकता है।
ये कुछ प्रमुख प्रकार के प्रोटीन हैं जो शरीर को विभिन्न तरीकों से सहायता प्रदान करते हैं।
protean ki matra
“Protein” की मात्रा या खासतौर पर उपयोगी मात्रा व्यक्ति के आयु, वजन, लाइफस्टाइल, और स्वास्थ्य स्तर पर निर्भर करती है। एक सामान्य व्यक्ति के लिए, दैनिक प्रोटीन आवश्यकता उसकी उम्र, वजन, और शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करती है। उपयोगकर्ता के स्वास्थ्य स्थिति और उनकी विशेष आवश्यकताओं के आधार पर, एक व्यक्ति को अपनी प्रोटीन की मात्रा को समय-समय पर समीक्षा करनी चाहिए।
protean का वर्ग :
प्रोटीन मुक्ख्यतः 2वर्ग में विभाजित किया जा सकता है-
1 पौधो पर आधारित प्रोटीन:-
वह प्रोटीन जो पौधों से प्राप्त होते हैं वह plant based protein कहलाता है इनके आनेको पर है जैसे की दालें, नट्स, बीन्स,सोया, सब्जियों,पत्तेदार सब्जियां मोटे अनाज , फलिया वाले सब्जियां, फलों ,तिलहन के बीजों,इत्यादि।
1 रोटी :- अध्ययनों में पाया गया है की 1 समान्य रोटी जिसकी ब्यास 6 इंच कि हो उसमे 2 -3 ग्राम प्रोटीन होते है
2 सब्ज़ियों में : – सब्जियों के बनाने के तिरिको औरअलग अलग प्रकार के कारण सभी में एक समान प्रोटीन की मात्रा नही होती ,लेकिन एक सामान्य मान्यता है प्रति कटोरी 2 से 4 ग्राम प्रोटीन हो सकती है
3 नट्स और बीज :- सभी नट्स और बीजों में प्रचुर मात्रा में प्रोटींस होती है जैसे मूंगफली में 150=28 से 30 ग्राम प्रोटीन,काजू अखरोट,बादाम,सोया में प्रति100 ग्राम =55से60ग्राम तक प्रोटीन कीपरप्ति की जा सकती है
4 दालों में ,:- मसूर में भी 200 ग्राम=18 ग्राम होती है चना,राजमा मूंग अरहर भी प्रोटीन का बहुत ही अच्छा स्त्रोत है।
2 पशुओं पर आधारित प्रोटीन:-
मुख्य रूप से वह प्रोटीन जो किसी ना किसी पशुओं से प्राप्त होती है वह animal based protein कहलाता है जैसा कि गाय की दूध से , ऊंट के दूध से ,बकरी के दूध से अंडा से, चिकन से, मटन से मछली से पनीर से घी इत्यादि सेमिलने वाला प्रोटीन ही animal based होती है ।
1 .अंडा:- अंडा स्वस्थ के लिए परिपूर्ण माना गया है इसमें सभी आवश्यक Nutrition मौजूद होने के कारण doctors भी recommend करते हैं 1अंडे मेप्रोटिन की मात्रा 5से6 ग्राम होती है।
2 .पनीर:- शाकाहारी लोगो को जो खास तौर पर किसी भी प्रकार के मांसाहार से दूर रहते है उनके लिए प्रोटीन कि पूर्ति के लिए पनीर एक वरदान की तरह है जैसा कि सभी जानते है की 150 ग्राम पनीर में लगभग 27 ग्राम प्रोटीन होती है जो की हमारे शरीर की अधिकतम जरूरतों को पूरा कर सकती है ।
3 .दूध में:- दूध में भी प्रोटीन पर्याप्त माता में होती है प्रति 200ml में 6 से 8 ग्राम protein होती है लेकिन साथ ही 4 ग्राम फैट भी लेकर आती हैं इसलिए काम फैट वाली दूध लेने की सलाह दी जाती है।
4 .मछली:- भारत में आमतौर पर खाई जाने वाली मछली leen protein का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है,सामान्य तौर पर सेल्मन या टूना जैसी 100 ग्राम पकी हुई मछली 22 से 25 ग्राम protean और 13 ग्राम फैट मिलती है यह शरीर के विकास और रख रखाव में मदद कर तंदुरुस्त बनाने का काम करती है अतः nonveg खाने वालों को मछली को अपने आहार mr jarur शामिल करनी चहिए।
5 .चिकन और मटन:- इसे protein का बड़ा स्रोत माना गया है मानव शरीर में होने वाली प्रोटीन की कमी की मांसाहार द्वारा पूरा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है ,100 ग्राम ब्रेस्ट चिकन में 30ग्राम तक protein होती है इस लिए लोग चिकन,मटन,को ताकत का पर्याय मानकर मांसाहार को अपनाते जा रहे है।
सामान्य रूप से, एक साधारण व्यक्ति की दैनिक प्रोटीन आवश्यकता उसके वजन के हिसाब से मानी जाती है। W.H.O.के अनुसार यह सामान्यत: 0.8 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम वजन होती है। इसलिए, यदि किसी व्यक्ति का वजन, उदाहरण के लिए, 60 किलोग्राम है, तो उनकी दैनिक प्रोटीन आवश्यकता लगभग 48 ग्राम होगी।
परन्तु वहीं प्रोटीन की बाते हमारे देश भारत की संस्था M.C.I. की recommend हैं प्रति किलो ग्राम 1ग्राम protein की है क्योंकि भारतीय लोगो मेंप्रोटीन की कमी अन्यदेशों से कही ज्यादा है इसकी वजह यह की खानपान और दैनिक
Protein 20 अमीनो अम्ल से मिलकर बनता है जिसमे कुछ आवश्यक अमीनो एसिड है जिसे मन शरीर निर्माण व आपूर्ति नहीं कर पाता जिन्हे हमें बाहर से लेने की आवस्यक होती है उन्हे ही essential amino acid कहा जाता है जो कुछ इस प्रकार है।
- 1 लिउसीन
- 2 आइसोलिउसिन
- 3 वेलिन
- 4 लाइसीन
- 5 मेथियोनिन
- 6 थ्रियोनिन
- 7 फेनिल एलानिन
- 8 टिपट्रोफेन
- 9 histridin
1 . शरीर को अथवा उसके उत्तकों को या प्रत्येक अंगो को काम करने की शक्ति देना।
2 . शरीर के प्रत्येक दैनिक क्रियाओं में उत्तकों के टूटने फूटने से नष्ट होने वाली कोशिकाओं का पुनर्निर्माण में मदद करना।
3 . प्रोटीन का काम है की शरीर को रोगों से रक्षा करने की शक्ति देना ,
स्वास्थ के लिए वही प्रोटीन उपयुक्त है जो इन तीनों उद्देश्यों को पूरा करती हो ।
protein की कमी:-
प्रोटीन की कमी से ,मसल की हानि ,हड्डियों में कमजोरी दुबलापन, त्वचा की चमक में कमी,- एक आवाज्यक या सामान्य स्तर से उत्तीर्ण होने वाली स्केलेटल मांसपेशियों की कमी को दर्शाता है, जो व्यक्ति की आंतरिक शक्ति और क्षमता में कमी कर सकती है। इसका मुख्य कारण वृद्धि और उम्र के साथ मांसपेशियों की कमी है, जो शारीरिक अक्षमता, घातक स्वास्थ्य समस्याएं, और आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों का कारण बन सकती हैं।
सार्कोपेनिया को रोकने के लिए उचित पोषण, नियमित व्यायाम, और Nutrition Supplements के साथ ही साइडरेजिंग जैसे व्यायामों का समर्थन किया जा सकता है
protein की अधिकता:-
कुछ अध्ययनों से चलता है की शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने पर स्वस्थ पर विपरित प्रभाव पड़ता है इस कारण किडनी disease और किडनी failiyer जैसे गंभीर खतरा रहता है इसकी वजह से शरीर में ,थकान, नींद ना आना, भूख नहीं लगना, पैरों में दर्द होना, एंडी और टखनों में सूजन होना इत्यादि समस्याओ का कारण बन सकते हैं।
PRECOTION~ यहां एक सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्ति की आदर्श प्रोटीन आवश्यकताओं की एक अनुमानित गणना दी गई है, लेकिन यह व्यक्ति की विशेष स्थिति और आवश्यकताओं पर निर्भर करेगी।
अतः, सबसे अच्छा तरीका है कि व्यक्ति अपने Counselor से सलाह ले और अपनी protein की आवश्यकता को उनकी विशेष परिस्थितियों के आधार पर निर्धारित करें।
conclusion
प्रोटीन निरंतर आवश्यक है ताकि हमारा शरीर स्वस्थ और क्रियाशील रह सके। यह हमारी ऊर्जा स्तर को बनाए रखता है, शरीर के ऊतकों को निर्माण और पुनर्निर्माण करता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, और शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है।
एक स्वस्थ आहार में प्रोटीन की सही मात्रा शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है। इसलिए, हमें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए और संतुलित और स्वस्थ जीवन जीने के लिए इसके महत्व को समझना चाहिए।