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Toggle10 Effective home remedies to control for BP
बीपी को कंट्रोल करने के 10 असरदार घरेलू उपाय
दोस्तों –
आज Blood Pressure के लिए सबसे ज्यादा लोग यही सर्च करते नजर आते हैं कि क्या हमको जिंदगी भर दवाइयां खाते रहना पड़ेगा ?
तो आज हम जानेंगे कि –
“BP (ब्लड प्रेशर) को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय” जो बिना दवाईयों के भी लाभदायक हो सकते हैं। ये उपाय खासकर हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) के लिए उपयोगी हैं:
उच्च रक्तचाप (High BP) एक “साइलेंट किलर” है, जो दिल, किडनी और मस्तिष्क को और हमारी आंखों को बिना किसी लक्षण के नुकसान पहुँचा सकता है।
blood pressure को नियंत्रित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाना, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, stress प्रबंधन और पर्याप्त नीद शामिल हैं
अच्छी बात यह है कि कुछ घरेलू उपायों से इसे नैचुरल तरीके से BP कंट्रोल किया जा सकता है।
आइए जानें ऐसे 10 घरेलू उपाय जो बिना दवा के भी असर दिखा सकते हैं।
Consume garlic
Consume garlic
1. लहसुन का सेवन करें – बीपी का नैचुरल कंट्रोलर
उच्च रक्तचाप (High BP) आज एक सामान्य लेकिन खतरनाक समस्या बन चुकी है, जो हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी से जुड़ी बीमारियों का मुख्य कारण बन सकती है। ऐसे में अगर कोई साधारण सा घरेलू उपाय इसे नियंत्रित करने में मदद करे, तो वह किसी वरदान से कम नहीं। लहसुन (Garlic) ऐसा ही एक नैचुरल कंट्रोलर है, जिसे सदियों से आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में BP नियंत्रण के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।
लहसुन में पाया जाने वाला Allicin नामक तत्व रक्त वाहिकाओं को रिलैक्स करता है और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है, जिससे ब्लड प्रेशर स्वाभाविक रूप से कम होने लगता है। इसके अलावा लहसुन खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ावा देता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। सुबह खाली पेट 1-2 कच्चे लहसुन की कलियां पानी के साथ चबाकर लेना या लहसुन को हल्का भूनकर खाना BP कंट्रोल में रखने के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
यह न सिर्फ रक्तचाप को संतुलित करता है, बल्कि पाचन तंत्र, इम्यून सिस्टम और सूजन जैसी समस्याओं में भी लाभकारी है। जिन लोगों को BP की दवा चल रही हो, वे लहसुन को डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। प्राकृतिक, सस्ता और बेहद असरदार – लहसुन को अपने रोज़ाना खानपान में शामिल कर आप अपने दिल की सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।
फायदे:
- रक्त वाहिनियों को फैलाता है
- ब्लड प्रेशर BP और कोलेस्ट्रॉल दोनों को कम करता है
कैसे लें:
- रोज़ सुबह खाली पेट 1–2 कच्ची लहसुन की कलियाँ चबाएं
- चाहें तो लहसुन को बारीक काटकर 1 घंटे के लिए छोड़ दे फिर गुनगुने पानी से या आपको शुगर नहीं हो तो शहद के साथ लें ।
सावधानी:
- अत्यधिक सेवन से पेट में जलन हो सकती है
ब्लड थिनर लेने वाले डॉक्टर की सलाह लें
Start the morning with neem and tulsi.
2. तुलसी और नीम के पत्ते – सुबह की शुरुआत करें औषधियों से
हर दिन की शुरुआत अगर शुद्ध और औषधीय तत्वों से हो, तो शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। तुलसी और नीम के पत्ते आयुर्वेद में चमत्कारी औषधियों के रूप में माने जाते हैं। तुलसी जहां इम्यून सिस्टम को मज़बूत करती है और सांस की समस्याओं में राहत देती है |
नीम और तुलसी के ताजे पत्तियों को अगर हम लगातार लम्बे समय तक उपयोग करते है तो BP के साथ ही ये हमें डाईबेटिक में भी मदद करने का काम करती है.
वहीं नीम शरीर को अंदर से detox करता है और त्वचा को रोगमुक्त बनाए रखता है। सुबह खाली पेट 5-7 नीम के पत्ते और 3-4 तुलसी के पत्ते चबाना एक प्राकृतिक कवच की तरह काम करता है, जो दिनभर शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और इंफेक्शन से बचाता है।
फायदे:
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
- दिल को मज़बूती देते हैं
कैसे लें:
- सुबह खाली पेट 5–7 नीम और तुलसी की पत्तियाँ चबाएं
सावधानी:
- बहुत कड़वाहट महसूस होने पर हल्के गर्म पानी से लें
Pranayama and meditation say goodbye to stress.
3. प्राणायाम और ध्यान – तनाव को कहें अलविदा
तेज़ रफ्तार जीवनशैली में तनाव एक आम समस्या बन गई है, लेकिन समाधान भी उतना ही सरल है – प्राणायाम और ध्यान। गहरी और नियंत्रित श्वास के माध्यम से प्राणायाम हमारे नर्वस सिस्टम को शांत करता है, जबकि ध्यान (Meditation) मन को स्थिर और विचारों को संतुलित करता है। दिन में केवल 25-30 मिनट का अभ्यास भी cortisol (तनाव हार्मोन) को कम कर मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है। आज से ही शुरुआत करें – अपने मन और शरीर को दें, सुकून की असली दवा।
फायदे:
- मानसिक तनाव घटता है
- नर्वस सिस्टम शांत होता है
कैसे करें:
- रोज़ 15–20 मिनट अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, और ध्यान करें 25-30 Walking
सावधानी:
- हाई BP में जोरदार योगासन न करें
Reduce the amount of salt.
4. नमक की मात्रा कम करें – “सफेद ज़हर” से दूरी बनाएँ
आहार में नमक (सोडियम) की थोड़ी सी भी कमी दिल के स्वास्थ्य और रक्तचाप को बेहतर बना सकती है। रक्तचाप पर सोडियम का प्रभाव अलग अलग लोगों के बीच अलग-अलग होता है। आम तौर पर, सोडियम की मात्रा को प्रतिदिन 2,300 मिलीग्राम या जो एक चम्मच के बराबर या उससे थोड़ी कम मात्रा में उपयोग किया जाए तो बेहतर परिणाम मिलता है ।उससे कम तक सीमित रखें।
लेकिन ज़्यादातर high blood pressure वालों के लिए, सोडियम की मात्रा को प्रतिदिन 1,500 मिलीग्राम या ½ चम्मच उससे कम तक सीमित रखना आदर्श है। ऐसा करने से उच्च रक्तचाप लगभग 5 से 6 मिमी एचजी तक कम हो सकता है।
ध्यान रहे इसमें खाली नामक ही नहीं। बल्कि वह सभी पदार्थ भी आते हैं जिन्हें हम रेडीमेड food के तौर पर उपयोग करते हैं जो कि आपके लिए नुकसान दायक हो सकती है । जैसे कि – नमकीन ,नमकीन बिस्किट, paikejd फूड आचार ,पापड़ या फिर किसी प्रकार का डिब्बा बंद खाना में होने वाली नमक की मात्रा हो ।सोडियम का कम सेवन BP को स्थिर करता है
आहार में सोडियम की मात्रा कम करने के लिए:
- खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में कम सोडियम वाले खाद्य पदार्थों की तलाश करें।
- खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से सोडियम की बहुत कम मात्रा पाई जाती है। अधिकांश सोडियम प्रसंस्करण के दौरान मिलाया जाता है।
- खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियाँ या मसाले इस्तेमाल करें।
- खाना पकाने से आप भोजन में सोडियम की मात्रा
- रोज़ 5 ग्राम से कम नमक ले
- पैकेज्ड फूड्स और पापड़, अचार, नमकीन से परहेज़ करें
5.Amla and honey are nectar for both heart and BP
5. आंवला और शहद – दिल और बीपी दोनों के लिए अमृत
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में दिल और ब्लड प्रेशर (BP) की समस्याएं आम होती जा रही हैं। ऐसे में अगर हम अपनी रसोई में ही मौजूद किसी प्राकृतिक औषधि से इन्हें नियंत्रित कर सकें, तो इससे बेहतर क्या होगा? आंवला और शहद – यह जोड़ी वास्तव में heart और BP दोनों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है।
आंवला – प्रकृति का विटामिन C
आंवला को आयुर्वेद में ‘रसायन’ माना गया है, यानी ऐसा तत्व जो पूरे शरीर को पोषण देता है और बुढ़ापे की गति को धीमा करता है। इसमें विटामिन C की मात्रा बेहद अधिक होती है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और हृदय की धमनियों को साफ रखने में मदद करता है।
आंवला के फायदे दिल और BP के लिए:
- कोलेस्ट्रॉल घटाए: आंवला खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है।
- ब्लड प्रेशर कंट्रोल: इसमें मौजूद पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है।
- धमनियों को साफ रखे: इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाते हैं।
शहद – मीठा लेकिन औषधीय
शहद सिर्फ स्वाद के लिए नहीं है, यह एक प्राकृतिक हृदय टॉनिक भी है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
शहद के फायदे दिल और BP के लिए:
- हृदय की धड़कन को नियमित रखे
- तनाव कम करे, जिससे BP स्वाभाविक रूप से घटता है
- खून को साफ करता है, जिससे हृदय पर दबाव नहीं पड़ता
आंवला-शहद का सेवन कैसे करें?
सुबह खाली पेट एक चम्मच आंवला पाउडर या रस में एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर लें।
यह मिश्रण:
- मेटाबॉलिज्म को तेज करता है
- ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है
- दिल को मजबूत बनाता है
शहद को कभी गर्म न करें। और डायबिटीज के मरीज इस मिश्रण का सेवन चिकित्सक की सलाह से करें।
छोटे कदम, बड़ी सेहत
दिल और BP जैसी समस्याओं से लड़ाई केवल दवाइयों से नहीं, बल्कि सही पोषण और जीवनशैली से जीती जाती है। आंवला और शहद जैसी घरेलू चीजें अगर रोज़ की आदत बन जाएं, तो सेहतमंद दिल दूर नहीं।
फायदे:
- एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C से भरपूर
- हृदय को मज़बूत बनाता है
कैसे लें:
- 1 चम्मच आंवला रस + 1 चम्मच शहद, रोज़ सुबह खाली पेट
Black raisins are a source of natural potassium.
6. काले किशमिश – नैचुरल पोटैशियम का स्रोत
जब बात दिल की सेहत और हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने की हो, तो पोटैशियम सबसे जरूरी खनिजों में गिना जाता है। और अगर आप इसे किसी स्वादिष्ट, नैचुरल और आसानी से उपलब्ध चीज़ से लेना चाहते हैं – तो काले किशमिश (Black Raisins) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
पोटैशियम क्यों है जरूरी?
पोटैशियम शरीर में सोडियम का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, जिससे:
- ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है
- दिल की धड़कन नियमित रहती है
- मांसपेशियां और नसें बेहतर काम करती हैं
काले किशमिश – छोटे दाने, बड़ी ताकत
काले किशमिश, सूखे अंगूर होते हैं जिन्हें धूप में सुखाया जाता है। इनमें सिर्फ मिठास ही नहीं, बल्कि ढेर सारा पोटैशियम, आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होता है।
काले किशमिश के 5 जबरदस्त फायदे:
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें
- हृदय की धमनियों को लचीलापन दें
- हीमोग्लोबिन बढ़ाएं – खासकर एनीमिया में फायदेमंद
- कब्ज से राहत दें
- स्किन और बालों की सेहत में सुधार करें
- शरीर को एनर्जी भी देता है
- ब्लड प्रेशर संतुलन में सहायक
कैसे और कब खाएं?
सुबह खाली पेट 7-10 भीगे हुए काले किशमिश खाएं।
- रात को एक कटोरी पानी में किशमिश भिगो दें
- सुबह पानी फेंककर किशमिश खा लें
इससे शरीर को पोषक तत्व जल्दी और बेहतर तरीके से मिलते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
- शुगर के मरीज डॉक्टर से पूछकर खाएं
- ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से गैस या दस्त हो सकते हैं
सेहत का मीठा रहस्य
काले किशमिश सिर्फ एक स्नैक नहीं, बल्कि एक नैचुरल सप्लीमेंट हैं। अगर आप दिल, BP और खून की सेहत को सुधारना चाहते हैं, तो इन्हें अपनी डेली डाइट में शामिल करें।
कैसे लें:
- 10–15 काले किशमिश रातभर भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं साथ ही साथ पानी को पि लें |
Cinnamon and honey-Sweet but beneficial combination.
7. दालचीनी और शहद – मीठा लेकिन फायदेमंद संयोजन
जब बात स्वाद और सेहत दोनों की हो, तो दालचीनी और शहद का मिश्रण एक बेहतरीन प्राकृतिक कॉम्बिनेशन बन जाता है। जहां शहद में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, वहीं दालचीनी ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में कारगर मानी जाती है। यह संयोजन विशेष रूप से वजन नियंत्रण, हृदय स्वास्थ्य और पाचन सुधारने के लिए जाना जाता है।
रोज़ सुबह खाली पेट एक गुनगुने पानी के गिलास में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर पीने से शरीर की चयापचय क्रिया (Metabolism) तेज होती है, जिससे ऊर्जा बनी रहती है और फैट बर्न भी तेजी से होता है। मीठा स्वाद होने के बावजूद यह संयोजन रक्त में शर्करा की मात्रा को संतुलित करता है, जिससे डायबिटीज के रोगियों को भी लाभ मिल सकता है (हालांकि सेवन से पहले चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है)। यह छोटी सी आदत, अगर नियमित रूप से अपनाई जाए, तो बड़े-बड़े फायदे दे सकती है – वह भी बिना किसी दुष्प्रभाव के।
फायदे:
- रक्त प्रवाह सुधारता है
- धमनियों को साफ करता है
कैसे लें:
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर + 1 चम्मच शहद रोज़ सुबह लें
सावधानी:
- अधिक मात्रा में दालचीनी से लीवर को नुकसान हो सकता है
Fiber rich diet cleanses everything from the intestines to the heart.
8. फाइबर युक्त आहार – आंतों से लेकर दिल तक सफाई
फाइबर यानी रेशा, शरीर की आंतरिक सफाई का स्वाभाविक साधन है। फाइबर युक्त आहार न सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल कम कर दिल की सेहत को भी बेहतर बनाता है। आहार में घुलनशील (soluble) और अघुलनशील (insoluble) दोनों प्रकार के फाइबर जरूरी होते हैं। घुलनशील फाइबर खून में शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है, जबकि अघुलनशील फाइबर मल त्याग को आसान बनाकर कब्ज से राहत देता है। साबुत अनाज, दलिया, फल (सेब, नाशपाती), हरी सब्जियां, चिया बीज और दालें फाइबर के बेहतरीन स्रोत हैं।
जब आप नियमित रूप से फाइबर युक्त आहार लेते हैं, तो आपकी आंतें साफ रहती हैं, पेट हल्का महसूस होता है और हृदय रोगों का जोखिम भी घटता है। साथ ही यह वजन नियंत्रण और डायबिटीज प्रबंधन में भी मददगार है। ध्यान रखें – फाइबर के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है, ताकि पाचन सही बना रहे और गैस या अपच जैसी समस्या न हो। कुल मिलाकर, फाइबर युक्त आहार एक ऐसी कुंजी है जो शरीर के भीतर से सफाई करके लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद करता है।
फायदे:
- कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर नियंत्रण में
- पाचन बेहतर होता है
क्या खाएं:
- ओट्स, ब्राउन राइस, दलिया, फल और सब्जियाँ
Good sleep is the secret to hormonal balance.
9. अच्छी नींद – हार्मोनल संतुलन का रहस्य
आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में अच्छी नींद को अक्सर नजरअंदाज़ कर दिया जाता है, जबकि यह हमारे हार्मोनल संतुलन का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। नींद के दौरान शरीर खुद की मरम्मत करता है और कई जरूरी हार्मोन जैसे मेलाटोनिन, ग्रोथ हार्मोन, इंसुलिन और कोर्टिसोल को संतुलित करता है। यदि नींद अधूरी रह जाए, तो हार्मोनल गड़बड़ी के कारण मोटापा, थकान, चिड़चिड़ापन, डायबिटीज ,BP और थायरॉइड जैसी समस्याएं पनपने लगती हैं।
7-8 घंटे की गहरी और निर्बाध नींद न सिर्फ मानसिक ताजगी देती है, बल्कि metabolism सुधारती है, भूख के हार्मोन (leptin और ghrelin) को कंट्रोल में रखती है और इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाती है। सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करना, हल्का भोजन लेना, और एक निश्चित समय पर सोने-जागने की आदत बनाना अच्छी नींद के लिए जरूरी कदम हैं। कुल मिलाकर, अच्छी नींद कोई आलस्य नहीं, बल्कि एक सक्रिय स्वास्थ्य आदत है – जो शरीर और मन दोनों को संतुलन में रखती है।
फायदे:
- तनाव घटता है
- हार्ट रेट और BP नियंत्रित रहता है
कैसे ध्यान दें:
- रोज़ाना 7–8 घंटे की नींद लें
- स्क्रीन टाइम सोने से 1 घंटा पहले बंद करें
Avoid caffeine and alcohol.
10. कैफीन और शराब से परहेज़ – छुपे हुए दुश्मनों से बचाव
हम अक्सर सेहतमंद रहने के लिए भोजन, व्यायाम और सप्लिमेंट्स पर ध्यान देते हैं, लेकिन कुछ ऐसी आदतें भी होती हैं जो चुपचाप हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही होती हैं – जैसे कैफीन और शराब का अत्यधिक सेवन। कैफीन (कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक्स) जहां नींद, हार्मोन और BP (blood pressure ) को प्रभावित कर सकता है, वहीं शराब लिवर, मस्तिष्क और हृदय पर दीर्घकालिक असर डालती है। दोनों ही शरीर में डिहाइड्रेशन, तनाव हार्मोन (Cortisol) की वृद्धि, और नींद की गुणवत्ता में कमी ला सकते हैं।
लंबे समय तक इनका सेवन करने से पाचन गड़बड़, इम्यून सिस्टम कमजोर और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम इन “छुपे हुए दुश्मनों” को पहचानें और सीमित या पूरी तरह त्यागने की दिशा में कदम बढ़ाएं। यदि आप एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो कैफीन और शराब से दूरी बनाना सबसे जरूरी और असरदार शुरुआत हो सकती है।
नुकसान:
- BP को अस्थायी रूप से बढ़ाते हैं
- नींद और नर्वस सिस्टम पर असर डालते हैं
क्या करें:
- चाय-कॉफी की मात्रा सीमित करें
- शराब का सेवन कम से कम करें या पूरी तरह बंद करें
इन उपायों को अपनाकर आप ब्लड प्रेशर को नैचुरल तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन यदि आपकी BP रीडिंग लगातार 140/90 से ऊपर है, तो सलाह ज़रूर लें।
Jaiswal Nutrition – सबसे पहले सेहत
आपकी सेहत, आपका अधिकार।
स्वस्थ जीवन की ओर पहला कदम आज से ही उठाएँ।
Conclusion
उच्च रक्तचाप (high BP) आज के समय में एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन चुकी है। अच्छी बात यह है कि दवाओं के साथ-साथ कुछ आसान घरेलू उपायों को अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लहसुन, तुलसी, किशमिश जैसे प्राकृतिक उपाय, साथ ही योग, प्राणायाम, और फाइबर युक्त आहार जीवनशैली में सुधार लाते हैं और बीपी को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
हालांकि, अगर BP लगातार 140/90 या उससे अधिक बना रहता है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। घरेलू उपाय एक सपोर्टिव थेरेपी हैं, न कि डॉक्टर की सलाह का विकल्प।
अपने खानपान और दिनचर्या में छोटे लेकिन स्थायी बदलाव लाकर आप लंबे समय तक स्वस्थ हृदय और सामान्य BP बनाए रख सकते हैं।
Jaiswal Nutrition– सबसे पहले सेहत की यही सलाह है:
“दवा से नहीं, दिनचर्या से शुरू करें सुधार।” .